8th Pay Commission Update: केंद्र सरकार के माध्यम से जनवरी महीने में ही आठवां वेतन आयोग के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दिया गया था। जिसके बाद से 50 लाख से अधिक केंद्रीय कर्मचारी 65 लाख पेंशनर्स आठवें वेतन आयोग के लागू होने का सभी इंतजार कर रहे है हालांकि मौजूदा समय में कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग के तहत सैलरी अन्य भत्तों का लाभ भी दिया जा रहा है। सरकार हर 10 वर्ष में नया वेतन आयोग लागू करती है। इस हिसाब से हर वर्ष के आखिरी महीने में सातवें वेतन आयोग के कार्यकाल खत्म हो रहा है तो 1 जनवरी 2026 से आठवां वेतन आयोग लागू किया जा सकता है। जिसके बाद कर्मचारियों की जो बेसिक सैलरी इसमें काफी बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा।
8वां वेतन आयोग के तहत इतना फिटमेंट फैक्टर होगा लागू
आठवां वेतन आयोग के तहत फिटमेंट फैक्टर के बारे में बात कर लिया जाए तो नेशनल काउंसिल जॉइन कंसलटेटिव मशीनरी के माध्यम से कम से कम 2.57 जो की सातवें वेतन आयोग के समान ही यह फिटमेंट फैक्टर है या इससे अधिक का फिटमेंट फैक्टर मांगा गया था। बता दे फिटमेंट फैक्टर जो की एक कैलकुलेशन सिस्टम है जो कि कर्मचारियों की यहां पर कर्मचारियों की यहां पर न्यूनतम बेसिक सैलरी को यहां संसोधन किया जाता है। कर्मचारियों की सैलरी में यहां पर 157 फ़ीसदी की बढोत्तरी होगी। यानी आठवां वेतन आयोग में न्यूनतम मूल वेतन मौजूदा 18000 रुपए से बढ़कर 51480 रुपए हो जाएगा। यानी कर्मचारियों के वेतन में काफी ज्यादा बढ़ोतरी होगी और हर वर्ग के कर्मचारियों को वेतन बढोत्तरी का लाभ मिलेगा।
8वां वेतन आयोग के बारे में जानिए महत्वपूर्ण अपडेट
आठवां वेतन आयोग जो कि केंद्र सरकार के माध्यम से घोषित नवीनतम वेतन संशोधन आयोग है इसका जो उद्देश्य है सरकारी कर्मचारियों की बेसिक सैलरी और भत्ते यहां पर अपडेट करना है। आयोग महंगाई भत्ते को भी यहां पर संबोधित करेगी जो मौजूदा मुद्रा स्फीति रेट को ध्यान में रखते हुए कर्मचारियों को दिया जाता है। वेतन आयोग सरकारी कर्मचारियों की सैलरी स्ट्रक्चर की समीक्षा बदलाव की सिफारिश करने हेतु यहां पर 10 साल में नया वेतन आयोग स्थापित करता है। भारत में अब तक सातवें वेतन आयोग लागू किया जा चुका है। आपको बता दिया जाता है कि एवं पे कमीशन जो है 1 जनवरी 2026 से पूरी तरीके से इसकी सिफारिश को लागू कर दिया जाएगा।
आठवां वेतन आयोग के तहत कर्मचारियों के वेतन में इतना इजाफा
आठवां वेतन आयोग के तहत बात के लिए तो पहले वेतन संरचना को यहां पर संशोधित किया गया सन 1946 में सरकारी कर्मचारियों को जो बेसिक सैलरी है 55 रुपए और अधिकतम 2000 रुपए प्रति महीने के लिए तय किया गया था। दूसरा जो वेतन आयोग है सरकारी कर्मचारियों को मूल वेतन बढ़कर 80 रुपए किया गया और अधिकतम वेतन ₹3000 प्रति महीना किया गया। तीसरा वेतन आयोग के अंतर्गत 185 रुपए किया गया और अधिकतम 3500 रुपए यहां पर मंथली किया गया। इसके बाद चौथा वेतन आयोग 1986 में न्यूनतम वेतन बढ़कर 750 रुपए किया गया और अधिकतम वेतन ₹8000 प्रति महीने किया गया। पांचवा वेतन आयोग के तहत न्यूनतम वेतन बढ़कर 2550 रुपए किया गया।अधिकतम वेतन भी निर्धारित किया गया। छठा वेतन आयोग के अंतर्गत वेतन बैंड और वेतन ग्रेड की जो शुरुआत हुई इसे न्यूनतम ₹7000 किया गया और अधिकतम 80000 रुपए किया गया। इसके अलावा सातवें वेतन आयोग के अंतर्गत न्यूनतम 18000 रुपए और अधिकतम 250000 रुपए किया गया।