UP Contract Employee Good News: उत्तर प्रदेश के 8 लाख से ज्यादा संविदा कर्मचारियों के साथ-साथ आउटसोर्सिंग के माध्यम से आने वाले जितने भी नये कर्मी है उनके लिए काफी अच्छी खबर है और नियमों में काफी बड़े बदलाव भी कर दिया गया है। आउटसोर्सिंग केंद्र कर्मियों की भर्ती प्रक्रिया में साक्षात्कार को भी यहां पर सम्मिलित किया जाता था। साक्षात्कार के माध्यम से अभ्यर्थियों को चयन किया जाता है। जिससे चयन में सिर्फ मनमाने ढंग से चयन की शिकायत लगातार सरकार के समक्ष देखने को मिली थी। अब सरकार ने इसे पूरी तरीके से प्रभावशाली बनाए जाने का फैसला लिया है। आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के लिए नई व्यवस्था के लागू किया जा रहा है अब उन्हें पुराने सभी संविदा कर्मचारी हेतु यह निर्णय काफी सकारात्मक रहने वाला है।
यूपी के संविदा कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर
उत्तर प्रदेश के 8 लाख से ज्यादा संविदा कर्मचारियों के साथ-साथ आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के माध्यम से आने वाले नए कर्मियों हेतु काफी अच्छी खबर यहां पर आ गई है। आप सभी की जानकारी के लिए बता देते हैं और शोषण समय तक कर्मचारियों का जो चयन है पहले साक्षात्कार के माध्यम से होता था जिसमें बहुत सारी कमियां भी देखने को मिलती थी। ऐसे में योग्य उम्मीदवारों का चयन नहीं हो पाता था। चयन प्रक्रिया से बाहर हो जाते थे। क्योंकि बहुत सारे लोगों के करीबी उम्मीदवारों के यहां पर चयन कर दिया जाता था। अब सरकार ने इन्हीं सभी कारणों से इस प्रक्रिया को पूरी तरीके से खत्म कर दिया है और सरकार ने अभी तय कर दिया है कि चयन प्रक्रिया पूरे पारदर्शी आधार पर ही किया जाएगा किसी भी तरह की धांधली की कोई गुंजाइश यहां पर खत्म हो जाएगी। इसके साथ ही चयन प्रक्रिया में ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं को अवसर प्रदान किया जाएगा। साथ ही आर्थिक रूप से कमजोर उम्मीदवारों को चयन प्रक्रिया में प्राथमिकता प्रदान किया जाएगा। जिससे उन्हें सरकारी विभागों में काम करने का अवसर प्राप्त होगा।
यूपी के युवाओं को मिलेगी प्राथमिकता और बढ़ेगा अवसर
आउटसोर्सिंग चयन प्रक्रिया में कुछ विशेष वर्गों के यहां पर प्राथमिकता प्रदान किया जाएगा। बात कर लिया जाए तो सबसे पहले ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं को अवसर प्रदान किया जाएगा। जिससे गांव में भी रोजगार कौशल उपलब्ध होगा। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के उम्मीदवारों के बीच प्रक्रिया में सबसे पहले रखा जाने वाला है। ताकि वह बिना किसी भेदभाव के चयनित हो सके। इसके साथ ही महिलाओं के लिए भी विशेष प्राथमिकता प्रदान किया जाएगा। तलाकशुदा विधवा महिलाओं को विशेष प्राथमिकता दी जाएगी। जिससे उन्हें आर्थिक रूप से मजबूती मिले और आगे आने का अवसर भी प्रदान हो।
सरकारी मांगों के आधार पर दिया जाएगा वेतन, बंद होगा पूरी तरह से धांधली
सरकार के माध्यम से शुरू की गई नई व्यवस्था के अंतर्गत अब कर्मियों को उनके पद के अनुसार योग्यता के अनुसार ही वेतन यहां पर प्रदान किया जाएगा। पहले वेतन को लेकर एजेंसियां मनमानी यहां पर करती थी जिससे उन्हें परिश्रमिक नहीं मिल पाता था और शोषण का वह शिकार भी रहता है। साथ सरकार और शोषण कर्मियों के लिए अलग से उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम यहां पर बना रहा है जो कि अंतिम चरण में यह पहुंच गया है। अब सभी प्रक्रिया उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम के माध्यम से पूरा किया जाएगा। ताकि पूरी तरीके से पारदर्शिता और निष्पक्षता बनी रहे। सीएम योगी ने पहले न्यूनतम वेतन का ऐलान कर दिया है और यह कहा है कि न्यूनतम ₹15000 अधिकतम ₹25000 वेतन दिया जाएगा।सरकार ने बजट में यह प्रावधान भी किया है और आउटसोर्सिंग सेवा नियम शुरू होने के बाद सभी यह नियम लागू कर दिए जाएंगे।