DA Hike Update: सरकारी कर्मचारियों के लिए केंद्र सरकार ने पहली बार महंगाई भत्ता महंगाई राहत में केवल दो प्रतिशत का रिकॉर्ड सबसे कम बढोत्तरी किया गया था। जो कि पिछले कई सालों में सबसे कम था। इसके चलते जनवरी 2025 से लागू हुआ महंगाई भत्ता महंगाई राहत की जोरदार 55 फ़ीसदी पर पहुंच गया है। हालांकि कर्मचारियों को महंगाई भत्ते की 56 फ़ीसदी पर पहुंचने का पूरा उम्मीद है लेकिन ऐसा नहीं हुआ है।उन्हें दो प्रतिशत की वृद्धि में ही यहां पर संतोष करना पड़ा था अब एक बार फिर से काफी बड़ी खबर आ चुकी है।
अब एक बार फिर से जुलाई महंगाई भत्ता महंगाई राहत में बदलाव की संभावना है। दिखाई दे रही है सरकार ने पहले ही आठवा वेतन आयोग के जो गठन की घोषणा है वह कर दिया है जिसकी सिफारिश एक जनवरी 2025 से लागू होना है आप बिल्कुल अलग बात है कि आयोग के जो अध्यक्ष सदस्यों की जो नियुक्ति की प्रक्रिया है वह अभी फिलहाल पूरा नहीं हुआ है ऐसे में जुलाई से महंगाई भत्ता महंगाई राहत की जो दर है इसमें बढोत्तरी होना है और साथ में 7वा वेतन के कार्यकाल का यह अंतिम बढ़ोतरी होगी। इसके बाद भी सातवें वेतन आयोग के तहत महंगाई भत्ते में बढोत्तरी नहीं होगी। क्योंकि नया वेतन आयोग लागू होगा नया वेतन आयोग के रहती महंगाई भत्ते में बढोत्तरी होगी। एआईसीपीआई के आंकड़ों अभी मई जून के आने बाकी है जिसके आधार पर तय होगा कि कितने फीसदी महंगाई भत्ता बढ़ा रहा है।
महंगाई भत्ते में इस बार इतने फ़ीसदी की बढ़ोतरी
सरकारी कर्मचारियों को जुलाई में जो बढ़ने वाला महंगाई भत्ता है यह इसकी बुद्धि को लेकर अनुमान लगाया जा रहा है और मौजूदा आर्थिक स्थितियों वृद्धि की जो दर है 3 से 4% तक पहुंचाने का उम्मीद लगाए जा रहा है। आपको बता दिया जाता है कि अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक और महंगाई दर के कम होने की मुख्य यहां पर वजह रह सकता है 3 से 4% तक पहुंचाने का उम्मीद लगाए जा रहा है। आपको बता दिया जाता है कि अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक और महंगाई दर के काम होने की मुख्य यहां पर वह जारी हुआ है अभी फाइनल डेटा जुलाई में वह घोषित होगा। जिसके आधार पर महंगाई भत्ता के बारे में पता चलेगा। एआईसीपीई के आंकड़ों की बात कर लिया तो 0.8 अंकों की यहां पर कमी देखा गया था। श्रम विभाग द्वारा जो सूचकांक डाटा जारी किया गया है जो कि 141.5 अंकों पर यह संकेत हुआ था इसके पहले पिछले वर्ष की बात किया जाए तो दिवाली पर महंगाई भत्ते में तीन प्रतिशत का बढ़ोतरी हुआ था और सातवें वेतन आयोग के आधार पर महंगाई भत्ता महंगाई राहत की जो घटना है अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल सूचकांक के आधार पर होना है।
महंगाई भत्ते की गणना का कैलकुलेटर बदलने की मांग कर्मचारियों ने किया
आप सभी की जानकारी के लिए बता दिया जाता है कि फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एम्पलाइज एंड वर्कर्स के महासचिव ने बजट सत्र के दौरान कैबिनेट सचिव को पत्र में कहा था कि महंगाई भत्ता गणना करने का जो कैलकुलेटर है वह बदल दिया जाए। महंगाई भत्ता की दर निर्धारित किए जाने हेतु 12 महीने के औसत को 3 महीने के औसत में परिवर्तन पूरी तरीके से कर दिया जाए। इसका सीधा सा यहां पर यह मतलब है कि यह परिवर्तन महंगाई भत्ता यहां पर होना चाहिए केंद्र सरकार के कर्मचारियों को हर 3 महीने में वास्तविक जो मूल वृद्धि है इसमें मुआवजा मिल पाएगा। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के कर्मचारियों का महंगाई भत्ता इसी आधार पर निर्धारित होता है और इसके साथ-साथ केंद्रीय कमी और बिजनेस के लिए अलग से उपभोक्ता मूल सचिया तैयार किए जाने की कर्मचारियों ने मांग किया है।
कर्मचारियों को कम दिया जा रहा महंगाई भत्ता
कर्मचारियों को मूल वृद्धि की तुलना में वास्तविक से काफी कम महंगाई भत्ता यहां पर प्राप्त हुआ है। ऐसे में केंद्र सरकार के कर्मचारी और पेंशन भोगियों के लिए एक अलग उपभोक्ता मूल्य सूचकांक बनाए जाने की यहां पर जरूरत है। जिसके लिए अलग से उपभोक्ता सूचकांक यहां पर निर्माण किया जाता है। केंद्र सरकार कर्मचारियों को पेंशन भोगियों के लिए अलग से उपभोक्ता सूचकांक निर्माण करने की मांग कर्मचारियों ने किया है। सरकार के माध्यम से उपभोक्ता मूल सूचकांक की गणना हेतु उपयोग की जाने वाली 465 वस्तुओं के आधार माग का गणना किया जाता है। हालांकि इसमें कई वस्तुओं का उपयोग केंद्र सरकार के कर्मचारियों द्वारा दैनिक जीवन में बिल्कुल भी नहीं यहां पर होता है। केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशन भोगियों द्वारा उपयोग किए जाने वाली वास्तविक मूल्य वृद्धि के प्रभाव के असर को यहां पर पूरी तरीके से कम कर देता है जिसमें बदलाव किया जाना जरूरी है।