NEET UG Result Declared News: नीट यूजी रिजल्ट जारी किए जाने का रास्ता पूरी तरीके से साफ हो चुका है और मद्रास हाई कोर्ट के माध्यम से रिजल्ट पर रोक लगाए जाने की जो याचिकाएं पड़ी थी वह सभी खारिज कर दिया गया है और बिजली गुल किए जाने के आधार बनाते हुए द्वारा परीक्षा आयोजित किए जाने की कई याचिका यहां पर जारी किया गया था और चेन्नई एजेंसी मद्रास हाई कोर्ट के माध्यम से शुक्रवार को नीट 2025 रिजल्ट घोषित किए जाने पर रोक लगाने वाले सभी जो याचिका है उसे सिरे से कोर्ट के माध्यम से खारिज कर दिया है अब रिजल्ट जारी किए जाने का रास्ता पूरी तरीके से साफ हो चुका है।
नीट यूजी रिजल्ट जारी हो जाने का रास्ता साफ
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के माध्यम से रिजल्ट जारी जल्द किया जा सकता है। हाईकोर्ट ने इसका यहां पर आदेश भी दिया है और नीट यूजी रिजल्ट को लेकर चल रही समय में फाइनल डिसीजन यहां पर आ चुका है। मद्रास हाई कोर्ट ने नीट यूजी रिजल्ट जारी किए जाने का रास्ता पूरी तरीके से साफ कर दिया गया है। रिजल्ट घोषित करने पर रोक भी हटा लिया गया है। मद्रास हाई कोर्ट ने आदेश में यह भी कहा है कि इन मामलों में कोई भी प्रतिवादियों की ओर से कोई दुर्भावना नजर नहीं आता है इसके अलावा पूरे भारत में करीब 22 लाख छात्रों ने यहां पर नीट की परीक्षा को दिया है और सभी को रिजल्ट का बेसब्री से इतंजार बना हुआ है।
दोबारा परीक्षा कराई जाने की याचिका हुई खारिज
छात्रों के माध्यम से दोबारा परीक्षा आयोजित किए जाने को लेकर मांग किया गया था। जिस पर हाई कोर्ट ने यहां पर कहा है की परीक्षा की अनुमति दोबारा से यहां पर देना 22 लाख से सभी उम्मीदवारों के लिए समान अवसर के सिद्धांत के यहां पर पूरी तरह से गंभीर रूप से प्रभावित करना है। अतः हाई कोर्ट को कोई भी यहां पर ठोस आधार फिलहाल नहीं दिखाई दे रहा है। बिजली समस्या आंधी तूफान की वजह कोर्ट ने कहा है कि मुख्य बिजली गुल होने के कारण परीक्षा केंद्र में रोशनी पर्याप्त नहीं थी। ऐसे अभ्यर्थियों की कार्यकर्ता यहां पर प्रभावित हुआ है उन्होंने यह भी कहा कि इससे यहां पर स्पष्ट है बिजली की जो समस्या अचानक तूफान की वजह से यहां पर पैदा हुआ था परीक्षा के समय दिन में पर्याप्त रोशनी यहां पर थी। साथ ही कोर्ट यहां पर कहा है अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल द्वारा प्रस्तुत यह दलील बिल्कुल यहां पर ठीक है। परीक्षा दिन के दोपहर 2:00 बजे से लेकर 5:00 के बीच प्राकृतिक रोशनी पर्याप्त मात्रा में थी स्थल सत्यापन व वैज्ञानिक प्रक्रिया के बाद यहां पर निष्कर्ष निकाला गया है कि अब परीक्षा दोबारा करने का कोई औचित्य नहीं है।