Shikshamitra Good News: वर्तमान में शिक्षामित्र की जो आर्थिक हालत है उस पर देखा जाए तो शिक्षामित्र को अल्प मानदेय में गुजरा बसेरा नहीं हो पा रहा है। शिक्षामित्र की आर्थिक हालात को देखकर शिक्षक एमएलसी और भाजपा नेता उमेश द्विवेदी के माध्यम से चिंता भी व्यक्त किया गया है। उनके माध्यम से बताया गया कि महंगाई के दौर में शिक्षामित्र को जो मिलने वाला मानदेय है सिर्फ ₹10000 प्रतिमाह के हिसाब से मानदेय मिल रहा है और परिवार के भरण पोषण के लिए बिल्कुल भी पर्याप्त नहीं है सरकार को उनकी जरूरत और आर्थिक समस्याओं पर बेहद ही गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है।
शिक्षामित्र के महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी को लेकर बात कर लिया जाए तो भाजपा नेता के माध्यम से सवाल उठाया कि जब एक समान्य सरकारी कर्मचारियों को हर वर्ष दो बार महंगाई भत्ता दिया जाता है तो शिक्षामित्र सुविधा से वंचित क्यों है उन्हें भी यह महंगाई भत्ते का लाभ दिया जाना चाहिए और शिक्षामित्र के मानदेय में अभी फिलहाल बढ़ोतरी नहीं हुई है जो कि उनके साथ अन्याय है और वर्ष 2017 से शिक्षामित्र को प्रतिमाह ₹10000 के हिसाब से मानदेय दिया जा रहा है जो कि यह शिक्षामित्र के साथ काफी अन्याय है ऐसा भाजपा नेता के माध्यम से कहा जा रहा है।
शिक्षामित्र झेल रहे महंगाई की मार
जैसे कि शिक्षामित्र आज के समय में महंगाई की मार झेल रहे हैं और महंगाई की वजह से उनका आम जीवन जीवन जीना भी काफी मुश्किल हो चुका है और शिक्षामित्र जो कि ग्रामीण शहरी शिक्षा व्यवस्था में काफी महत्वपूर्ण भूमिका भी निभा रहे हैं और शिक्षक के बराबर वह कार्य करते हैं लेकिन उनकी न्यूनतम जरूरत को पूरा करने हेतु वह अभी भी संघर्ष कर रहे हैं और उनके लिए सिर्फ ₹10000 मासिक मानदेय जो कि परिवार का खर्चा बच्चों की पढ़ाई वह अन्य जरूरतो को पूरा करने के लिए बिल्कुल भी पर्याप्त नहीं है।
शिक्षामित्रो का मानदेय कम से कम 30000 हो
वहीं पर शिक्षामित्र का जो मानदेय है वह ₹10000 प्रतिमाह की जगह 30 हजार रुपए प्रतिमाह दिया जाना चाहिए जिसमें शिक्षामित्र को महंगाई भत्ता भी दिया जाना चाहिए। ताकि उनकी आर्थिक स्थिति और भी बेहतर हो आप सभी को बता दिया जाता है शिक्षा में शिक्षा विस्तार का जो एक अभिन्न हिस्सा है और उनकी समस्याओं को यहां पर नजर अंदाज करना पूरे शिक्षा तंत्र को कमजोर करने के यहां पर समान है। सरकार से यह अपील की गई है कि शिक्षामित्र का मानदेय बढ़ाया जाए शिक्षामित्र की समस्याओं को प्राथमिकता दिया जाए और हर साल उनके मानदेय में इजाफा भी किया जाए से यह शिक्षामित्र के साथ न्याय करने और उनकी सेवाओं को सामान देने का एकमात्र ही तरीका है शिक्षामित्र का समाज और शिक्षा का प्रति काफी बड़ा योगदान रहा है।