UGC New Rule 2025: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के माध्यम से काफी महत्वपूर्ण नए नियम जारी कर दिए गए हैं व महत्वपूर्ण बदलाव कर दिया गया है। विश्वविद्यालय में शिक्षक फैकल्टी मेंबर की नियुक्ति से जुड़े नियमों में यह बदलाव होने जा रहा है और इस बात की जो जानकारी है। इंटरव्यू के माध्यम से यूजीसी के अध्यक्ष एवं जगदीश कुमार के माध्यम से दिया गया है। नए नियम के माध्यम से बिना यूजीसी नेट और पीएचडी के उच्च शिक्षा संस्थानों में शिक्षक बनना अब संभव हो पाएगा। हालांकि कुछ शर्ते भी लागू रहेंगी। शिक्षकों और शैक्षणिक कर्मचारियों के नियुक्ति हेतु न्यूनतम योग्यता को लेकर नए नियमों का ड्राफ्ट यूजीसी 6 जनवरी को घोषित करने वाला है। जिस पर हितधारकों का फीडबैक भी मांगा जाएगा यह बदलाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत किया जाने वाला है।
UGC New Rule 2025 Latest News
शिक्षा नीति हेतु 2018 में जारी किए गए नियमों में बदलाव होने जा रहा है। विश्वविद्यालय में तीन तरह के शिक्षक सेवाएं प्रदान किया जाने वाला है। जिसमें से दो नियमित और एक अस्थाई प्रोफेसर रहेंगे। अस्थाई प्रोफेसर का जो कार्यकाल है 3 साल का रहने वाला है प्रोफेसर आप प्रेक्टिस सहित उच्च शिक्षा संस्थानों में उद्योग पतियों की नियुक्ति अस्थाई प्रोफेसर के रूप में किया जाने वाला है जिसके लिए यूजीसी नेट या फिर पीएचडी की जरूरत भी अब नहीं होगी। इस तरह के नियमों में बदलाव हुआ है इसके अलावा अन्य और भी कुछ नए नियम है उसके बारे में भी नीचे जानकारियां बताइ है।
यूजीसी के नए नियम के अनुसार शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया फ्लैक्सिबल होगी
वर्तमान में स्नातक परास्नातक और पीएचडी डिग्री में एक ही विषय में एक समान शैक्षणिक पृष्ठ भूमि के यहां पर आवश्यकता होती है। लेकिन नये नियमों के आधार पर यूजीसी नेट या पीएचडी विषयों से संबंधित विषयों में प्रोफेसर बनने हेतु आवेदन करने की अनुमति प्रदान किया जाएगा। उम्मीदवारों की जो योग्यता है उसमें फिलहाल कोई फर्क नहीं पड़ेगा जिन उम्मीदवारों के पास चार वर्षीय स्नातक के साथ पीएचडी की डिग्री है वह भी असिस्टेंट प्रोफेसर आसानी से बन पाएंगे मास्टर्स की कोई भी जरुरत यहां पर नहीं पड़ने वाली है।
अब एपीआई सिस्टम पर नहीं हो सकेगा प्रमोशन
यूजीसी से जुड़े नए नियमों में काफी महत्वपूर्ण बदलाव होने वाला है। हालांकि पूरी तरह से और भी क्या-क्या बदलाव होंगे जिसके लिए पूरा ड्राफ्ट आज या फिर एक से दो दिन में कभी भी जारी कर दिया जाएगा। जो कि यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन यानी कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की ऑफिशियल वेबसाइट पर यह ड्राफ्ट जारी किया जाएगा और यूजीसी फैकल्टी मेंबर प्रमोशन से जुड़े हुए नियमों में काफी बदलाव होने जा रहा है। प्रमोशन के लिए API सिस्टम लागू नहीं होगा। इससे उम्मीदवारों के सामने आने वाली चुनौतियां भी कम हो जाएंगी और व्यक्तिगत पैशन का यहां पर बढ़ावा भी देखने को मिलेगा।