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UP Contract Employees Good News: यूपी में शिक्षामित्र सहित 8 लाख संविदा कर्मियों को मानदेय बढोत्तरी का तोहफा, बजट के दौरान अधिसूचना जारी

UP Contract Employees Good News: उत्तर प्रदेश में शिक्षामित्र सहित 8 लाख से ज्यादा संविदा कर्मियों के लिए बहुत अच्छी खबर आ चुकी है। उत्तर प्रदेश विधान मंडल का 17 और 18 फरवरी से सत्र शुरू होने जा रहा है। अब 20 फरवरी को राज्य का जो बजट है वह उसे पेश किया जाने वाला है। उत्तर प्रदेश विधानसभा बजट सत्र की जो अधिसूचना है उसे जारी कर दिया गया है और यह बजट राज्य की जो आर्थिक नीति है और योजना है उसके लिए काफी महत्वपूर्ण है। इस बजट में उत्तर प्रदेश के 8 लाख से ज्यादा संविदा कर्मियों शिक्षामित्र के मानदेय बढोत्तरी की काफी उम्मीदें सरकार से बनी हुई है।

जैसे कि शिक्षामित्र और संविदा कर्मियों को जो न्यूनतम मानदेय है वह 20 हजार रुपए तक किये जाने की घोषणा का शिक्षामित्र सहित संविदा कर्मी इंतजार कर रहे हैं। सरकार के माध्यम से अभी तक इस पर निर्णय नहीं लिया गया है। लेकिन 18 फरवरी से शुरू होने वाले बजट को लेकर सभी की नज़रें टिकी हुई है 20 फरवरी को उत्तर प्रदेश राज्य का बजट प्रस्तुत होने वाला है और सभी के मन में अब एक बड़ा सवाल है कि बजट सत्र में क्या शिक्षामित्र सहित 8 लाख संविदा कर्मियों को मानदेय बढ़ाया जाएगा।

यूपी संविदा कर्मचारी के मानदेय बढ़ती पर ताजा खबर

उत्तर प्रदेश सरकार के माध्यम से शिक्षामित्र अनुदेशकों से प्रदेश के जितने भी 8 लाख से ज्यादा संविदा कर्मी है उनके वेतन और मानदेय में भारी भरकम बढ़ोतरी की घोषणा पहले ही हो गया है। और सरकार के माध्यम से जो न्यूनतम मजदूरी की दर है या फिर कम वेतन पाने वाले संवर्गों के कार्यों को एक समान यानी की ₹17000 से लेकर 20 हजार रुपए तक प्रतिमाह दिए जाने का निर्देश पहले ही दिया जा चुका है। अब कार्मिक अपने परिवार का भरण पोषण अच्छे से कर पाए और इसके लिए प्रस्तावित विभाग को भेजा गया था। जो कि वित्त विभाग में पहले ही इसे मंजूर कर दिया है। सरकार द्वारा विस्तार पूर्वक पूरी तरह लिया जाना है। हालांकि काफी दिन भी जाने के बाद अब सरकार के माध्यम से मानदेय बढोत्तरी को लेकर कोई अभी तक नया स्टेटमेंट जारी नहीं किया गया है।

उत्तर प्रदेश के लाखों संविदा कर्मियों को बजट सबसे काफी उम्मीदें हैं और उन्हें मानदेय बढ़ोतरी को लेकर उम्मीद है। बता दें श्रम विभाग के जो न्यूनतम मजदूरी अधिनियम का अधिनियम है इसके अंतर्गत न्यूनतम मजदूरी का जो भुगतान संविदा कर्मचारियों को नहीं किया जा रहा है। इसमें वृद्धि हेतु सरकार ने प्रस्ताव तैयार करते हुए वित्त विभाग को भेज दिया था। वित्त विभाग के माध्यम से स्वीकृत करते हुए सरकार को निर्णय लिए जाने का कहा था और सरकार द्वारा बजट इन कार्यक्रमों के लिए बजट का ऐलान किया जा सकता है।

प्रदेश में संविदा कर्मियों को मिलता है काफी का मानदेय

वर्तमान में देखा जाए तो उत्तर प्रदेश में जितना भी संविदा के पद पर तैनात कर्मचारी हैं चाहे वह शिक्षामित्र हो या फिर अनुदेशक हो इन्हें काफी कम मानदेय प्राप्त होता है शिक्षामित्र को ₹10000 प्रतिमाह मानदेय दिया जाता है जो कि आज के महंगाई के समय में इतना मानदेय काफी अल्प है वहीं पर अनुदेशकों को ₹9000 प्रति महीने की सबसे मानदेय दिया जाता है। कुशल श्रमिकों को 10701 को जबकि अर्ध कुशल को 11772 रुपए प्रति महीना के हिसाब से मानदेय दिया जाता है। कुशल को 13186 रुपए प्रतिमाह के हिसाब से मानदेय दिया जाता है। सरकार के माध्यम से वर्तमान में श्रम विभाग की न्यूनतम जो मजदूरी अधिनियम इसके तहत न्यूनतम मजदूरी भुगतान में बढोत्तरी किया जाता है तो कर्मियों के मानदेय में दोगुनी तक बढोत्तरी हो सकती है।

18 फरवरी से यूपी का बजट सत्र शुरू होने वाला है। विधानमंडल का जो बजट है 18 फरवरी से शुरू हो जाएगा। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के माध्यम से 18वीं विधानसभा का वर्ष 2025 का प्रथम शुरू होने जा रहा है। विधानसभा सचिवालय में रविवार को इसके अधिसूचना अधिकारी हो गया है। बजट की शुरुआत राज्यपाल के अधिवेशन से ही किया जाएगा। वहीं 20 फरवरी को उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना वित्त वर्ष 2025 26 का जो बजट है उसे प्रस्तुत करने वाले हैं। सरकार द्वारा बजट सत्र के दौरान अध्यादेश भी लाया जा सकता है साथ ही गरीबों मध्यम वर्ग के लिए नयी योजनाओं का काफी बड़ा ऐलान किया जा सकता है।

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