UP Shikshamitra News: उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री ने संविदा शिक्षामित्र को लेकर विधानसभा के पटल पर फिर से बड़ा बयान दिया गया है और इस जवाब में फिलहाल शिक्षामित्र का मानदेय नहीं बढ़ाया जाएगा। ऐसा शिक्षा मंत्री के माध्यम से कहा गया है। मगर इन सबके की तरह शिक्षामित्र हेतु एक अच्छी बात है कि अगले शैक्षणिक क्षेत्र में हर शिक्षामित्र को उनकी मर्जी का तबादला दिया जा सकेगा शिक्षा मंत्री संदीप सिंह विधानसभा में सदन को संबोधित करते हुए वर्ष 2017 में उत्तर प्रदेश के अंदर भाजपा की सरकार आई तो शिक्षामित्र का मानदेय 3500 था और इसके बाद ₹10000 किया गया है ऐसा शिक्षा मंत्री ने कहा है।
अवैतनिक अवकाश लेने वाले शिक्षामित्र की नौकरी समाप्त
उत्तर प्रदेश में करीब 270 ऐसे शिक्षामित्र थे। जिनकी संविदा समाप्त किए जाने का आदेश घोषित किया गया है और यह बताया गया है कि यह सभी शिक्षामित्र अलग-अलग जिलों में तैनात है यह लोग स्कूल न जाने की वजह अपने बाहर के दूसरे कामों को भी कर रहे थे। जानकारी के मुताबिक ऐसे शिक्षा मुझे इन्होंने वैतनिक अवकाश के सारे नौकरी भी चला रहे थे जो स्कूल में जाकर दूसरे कार्य में सम्मिलित है। उत्तर प्रदेश में महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने बड़ी कार्रवाई करते हुए शिक्षामित्र की संख्या समाप्त किए जाने का आदेश भी जारी कर दिया है।
270 शिक्षामित्र की संविदा की जाएगी समाप्त आदेश जारी
तमाम रिपोर्ट के अनुसार 270 शिक्षामित्र थे जिनकी संविदा समाप्त की जाएगी। जनवरी महीने में ही संज्ञान में आ गया था कि इसके बाद ही महान ऐसा कंचन वर्मा ने मंडली सहायक शिक्षा निदेशक लखनऊ मंडल से इसकी जांच भी कराई जब जांच हुई तो सारा सच सामने यहां पर देखने को मिला। उत्तर प्रदेश के 6 जिले रायबरेली सीतापुर और लखनऊ लखीमपुर खीरी हरदोई जिले में तैनात करीब 270 शिक्षामित्रों की सुविधा खत्म किया जाएगा। महानिदेशक कंचन वर्मा के माध्यम से जारी आदेश में यहां स्पष्ट है कि जितने भी शिक्षामित्र हैं अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित चालान के खिलाफ तत्काल चिन्हित करते हुए फॉरेन नोटिस भेजने का कार्य किया जाए और 5 दिनों के अंदर उनकी संविदा समाप्त किया जाए।
शिक्षामित्र का मानदेय बढ़ेगा या नहीं यहां जाने
उत्तर प्रदेश के शिक्षामित्र का मानदेय बढ़ेगा या नहीं यह शिक्षामित्र में सबसे बड़ा सवाल बना हुआ है। क्योंकि लगातार विधानसभा सत्र के दौरान शिक्षा मंत्री संदीप सिंह के माध्यम से कहा जा रहा है के शिक्षामित्र के मानदेय में पहले ही भर्ती किया जा चुका है अभी फिलहाल सरकार का मानदेय बढोत्तरी पर कोई भी विचार नहीं है। शिक्षामित्र के मंदिर मूर्ति को लेकर लगातार से समय संघर्ष कर रहे हैं और ज्ञापन दे रहे हैं लेकिन सरकार से समितियां के मानदेय बढोत्तरी को लेकर अभी तक कोई भी आदेश पारित नहीं किया है। जिससे शिक्षामित्र भी परेशान है इस महंगाई के दौरान शिक्षामित्र का जीवन यापन करना काफी मुश्किल हो गया है।